त्रिभुवनेश भारद्वाज "शिवांश"
Picture of त्रिभुवनेश भारद्वाज "शिवांश"

त्रिभुवनेश भारद्वाज "शिवांश"

त्रिभुवनेश भारद्वाज रतलाम मप्र के मूल निवासी आध्यात्मिक और साहित्यिक विषयों में निरन्तर लेखन।स्तरीय काव्य में अभिरुचि।जिंदगी इधर है शीर्षक से अब तक 5000 कॉलम डिजिटल प्लेट फॉर्म के लिए लिखे।

साँची आंखें

शब्द से चेतना तक फैले हुए हैंहर तरफ नयन ही नयननयनो की अपनी लिपिअपनी भाषा अपनी विधाअपनी सूक्तियांअपने दोहे अपनी चौपाइयांनयनो के अपने सरोवरअपने सागर

Read More »

परेशान आदमी

परेशान आदमीशायद जानता ही नहींजहाँ राह खत्म होती हैवहीं शुरू होती हैनई मार्ग रेखाएंबस दो कदम और चलतातो तसव्वर से ज्यादा मिलने वाला थाअसबाब हो

Read More »

अंधेरा अंदर नहीं बाहर है

मनुष्य अभीप्साओं का पिंड ही तो हैजीवनभर चला करता हैतमन्नाओं का सिलसिला ।एक के पास दूसरी इच्छा।अंतहीन सफर।तुष्टि अनवरत खोज ।एक बसेरा निकेत बन जाएतो

Read More »
Total View
error: Content is protected !!