सब्र का अभी तक मेरे
सब्र का अभी तक मेरे इम्तिहान जारी है, रात में चरागों का इंतजाम जारी है। रेत के महल में मेरी इक किताब रखी है, घुल
सब्र का अभी तक मेरे इम्तिहान जारी है, रात में चरागों का इंतजाम जारी है। रेत के महल में मेरी इक किताब रखी है, घुल
जो किस्सा अजनबी था जिन्दगी का, आजकल हमसफर है जिन्दगी का। कोई भी आदमी परिचित नहीं है, बड़ा तन्हा सफर है जिन्दगी का। जो अक्सर