नारी
है नारी जग की क्यारीजीवन उसकी न्यारी न्यारीरखती सबका ख्याल हैजीवन सवारी सवारी दायित्व परिवार कावंश और घरवार कारिश्ते में लाती मिठास हैयह दस्तूर है
है नारी जग की क्यारीजीवन उसकी न्यारी न्यारीरखती सबका ख्याल हैजीवन सवारी सवारी दायित्व परिवार कावंश और घरवार कारिश्ते में लाती मिठास हैयह दस्तूर है
पत्नी रहती है इंतजार में अब वो भी प्यार में कहती है खटूस हर वक्त इजहार में मां के बाद पत्नी व्यवहार में हर जगह
है जिंदगी तू बनू कहानी में सुनती रहे तू ऐसी बानी मैं गुन -गुनाऊ मैं बन जाए गीत तू साज हो धड़कन मेरी हो जाए
चार पैसे की जिंदगी ,लाखों कमाने लगे हम अपने घरों से दूर जाने लगे मां-बाप ना घर द्वार मिले ,पैसे की रस्म निभाने लगे बीवी
गीत तू मैं गुनगुनाऊ एहसास दिल की सुनाऊं है जहां में गम सभी को आ तुझको मैं दिखलाऊ गम है तुझको किस बात का हाथ
हो उद्धार शहर का मेरे आप बनाए सवेरे अब तो कुछ प्रण करो शहर को मेरे स्वर्ग करो नालियों में है कूड़ा करकट मच्छर भी
कुछ जानबूझ के कुछ अनजाने में किया करते हैं हम उनको कैसे कह दे अकेले ही जिया करते हैं फितरत है दुनिया की हर रोज
जाना मेरा तय है अपना ना बनाओ ओ दिलरुबा इसे ठिकाना ना बनाओ गुजर जाएगा वक्त बहाना ना बनाओ दिल है साफ- साफ दीवाना ना
खुशी-खुशी बीत जाए जिंदगी का सफर कौन यहां रहने आया जग में जो आया वही भरमाया कौन यहां रहने आया कल्पना क्या करें सभी सरताज
स्वागत है वंदन तेरा तू बना ले चंदन मेरा दमका करूंगा मैं भी तू अपना ले अभिनंदन मेरा गंगा को मिला संग तेरा