अपने-बेगाने
रोजाना दौड़-धूप करने के बाद तृप्ति को नये शहर में रहने का ठिकाना मिल पाया। अपने जिले के विद्यालय में नियुक्ति मिलने के बाद से
रोजाना दौड़-धूप करने के बाद तृप्ति को नये शहर में रहने का ठिकाना मिल पाया। अपने जिले के विद्यालय में नियुक्ति मिलने के बाद से