ख्वाबों की तन्हाई भी
यादों का मौसम लौटा और ख्वाबों की तन्हाई भी मद्धम सा इक चाँद मिला और आँखों में परछाई भी साहिल पर कुछ शंख मिले थे
यादों का मौसम लौटा और ख्वाबों की तन्हाई भी मद्धम सा इक चाँद मिला और आँखों में परछाई भी साहिल पर कुछ शंख मिले थे
मेरे बाद मेरे गीतों की का एक सुंदर संसार बसाना करुण वेदना की बेदी पर अमर प्रेम का दीप जलाना मेरा जीवन एक कथा
यह प्रेम अगर फिर अपना होता मैंने भाग्य सँवारा होता तुम मिलते फिर फिर से मुझको क्यो प्यार मेरा बञ्जारा होता कुछ भी मेरे पास