आज महफिल दिलों की सजा लीजिए
आज महफिल दिलों की सजा लीजिएअपने दिल की उदासी मिटा दीजिएकोई गम ना रहे अब किसी बात काआज जी भर के तुम मुस्कुरा लीजिएकोई साथी
आज महफिल दिलों की सजा लीजिएअपने दिल की उदासी मिटा दीजिएकोई गम ना रहे अब किसी बात काआज जी भर के तुम मुस्कुरा लीजिएकोई साथी
एक ऐसा घर बन जाए मेराजिसमें सब का ठिकाना होएक तरफ दुकान हो मेरीसामने मेरे शिवाला होप्रेम मिले सबका ही मुझकोअहंकार ना उपजा होकभी बंद
जब हो बेला हमारी विदा की सखीकरके सिंगार मुझको सजाना सखीमेरे सजने में कोई कमी ना रहेऐसी सुंदर सी दुल्हन बनाना सखीदेख मुझको पिया भी
तेरे भावों में ही डूबा रहा, मैं तो सदा लेकिनमेरे भावों की भाषा को ,कभी तुम ना समझ पाएमेरे भावुक हृदय से जो ,निकलते हैं
वजह रही हो चाहे जो भी मुझसे मिलने कीस्वार्थ में या की प्रेम में ही बात करने कीआंख के रास्ते से दिल में समाए बैठी
जिंदगी के सफर में यूं ही घूमता हूंहवाओं के संग में ही मैं झूमता हूंवादियां जो प्रकृति की प्रफुल्लित खिली हैंउसी में ही जीवन का
पतझड़ सा आगन था मेराआज खुशी की छाया हैआज सुनहरे से जीवन मेमौसम बसंत का आया हैखेतों में लहराए बालीपुष्पों की कलियां खिली हुईसूने सूने
कभी उठती थी ओ पलके,कभी ओ झुक भी जाती थीकरूं मैं याद जब उनको,मुझे तड़पा भी जाती थी कभी सोचू जो ओ बातेंदिलो मे आह
दिलाई जिसने आजादी नमन उनको मैं करता हूंगवाएं प्राण थे जिसने नमन उनको मैं करता हूंनहीं देखा नहीं सोचा कि आगे हाल क्या होगासमर में
फासला ना हो कभी भी दिल से दिल के मेल काएहसास का हो फासला ना हो कभी उम्मीद काहम संभलते ही रहेंगे जिंदगी के मोड़