शेषमणि शर्मा 'शेष'
शेषमणि शर्मा 'शेष'

शेषमणि शर्मा 'शेष'

पिता का नाम- श्री रामनाथ शर्मा, निवास- प्रयागराज, उत्तर प्रदेश। व्यवसाय- शिक्षक, बेसिक शिक्षा परिषद मीरजापुर उत्तर प्रदेश, लेखन विधा- हिन्दी कविता, गज़ल। लोकगीत गायन आकाशवाणी प्रयागराज उत्तर प्रदेश। Copyright@शेषमणि शर्मा 'शेष'/ इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

घरनी मुझसे रूठकर (कुण्डलिया)

घरनी मुझसे रूठकर, चली गई ससुराल। गया बुलाने एक दिन, आगे सुनिए हाल। आगे सुनिए हाल, सामने साली आई। अनुपम शिष्टाचार, साथ में लिए मिठाई।

Read More »

न जाने कौन हूँ मैं

अन्तर्द्वंदों के शिखर पर खड़ा सा मौन हूँ मैं। न जाने कौन हूँ मैं…… गहन तिमिरान्ध में प्रकाश हूँ मैं, छलकते आंसुओं की आस हूँ

Read More »

इजहार एक दिन

कमबख्त दिल से हो गये लाचार एक दिन। मैंने भी किया इश्क का इज़हार एक दिन।। एक खूबसूरत कली मेरे दिल को भा गई थी

Read More »

सुवासित शीतल सुखद बयार

सुवासित शीतल सुखद बयार, भ्रमर मकरंद चखे स्वछन्द। लोग कहते हैं तुम्हें बसंत, प्रणय प्रण के अद्भुत आनंद।। सरसो के पीत हेम से पुष्प, कोयल

Read More »

श्रृंगार

कनक कटोरी कर्ण कर्णफूल किंकिणि सुनि, कोटि-कोटि काम कूदि कूदि चलि आवत है। खन-खन-खनकार खंजनिका के कंगन करें, सृष्टि में संगीत की सुर सरिता बहावत

Read More »

सती सुलोचना

शेष सुता लंकेश बहू घननाद प्रिया लंका युवरानी। सती सुलोचनि चारों युग में अमर रहेगी तेरी कहानी।। साज कर चतुरंगिनी इन्द्रदमन जब चलने लगा, मान

Read More »

शीत ऋतु -कवित्त (ककहरा)

कट-कट दन्त करें झर-झर कुहासा गिरे, कोमल बदन शीत थर थर कँपावत है। खर पतवार सब बीनि के एकत्र करें, सूखी घास ठण्डी में सब

Read More »
Total View
error: Content is protected !!