भक्त की विजय का पर्व : होली(नाटक)
नेपथ्य से स्वर – जो किस्सा सुनते आये बाबा- दादा के मुख से, वही आज हम तुम्हें सुनाते हैं । रंग -गुलाल का उमंग- उल्लास
नेपथ्य से स्वर – जो किस्सा सुनते आये बाबा- दादा के मुख से, वही आज हम तुम्हें सुनाते हैं । रंग -गुलाल का उमंग- उल्लास