लेखक और उसकी लेखनी
लेखक और उसकी लेखनीस्वतंत्र हो आजाद हो तो है घनी मुग़ल आये तो हिन्दुओं ने कमियां ज्यादा देखि या खूlबीयांसोचती तो होंगीलेखक और उसकी लेखनी
लेखक और उसकी लेखनीस्वतंत्र हो आजाद हो तो है घनी मुग़ल आये तो हिन्दुओं ने कमियां ज्यादा देखि या खूlबीयांसोचती तो होंगीलेखक और उसकी लेखनी
होली ने रंग बिखेरे हैं आनंद का रंग सब मे होयमेल मिलाप भी रंग है प्रहलाद सभी में होय प्रहलाद सभी में होय, दुश्मन दुश्मनी
होली पर हर रंग प्रहलाद है बुराइयाँ जला दें तो मिलता प्रहलाद सा प्रसाद है साल के अंत में होली का आना बुराइयां जलवाकर रंग
श्री हरी श्री हरीमहादेव भोले भंडारीजो भोले का नाम जपेउसकी सारी विपदा टारीतुझसे राम तुझसे ही नारायणग्रंथ पवित्र करें हमेंतेरी कृपा बरसे त्रिपुरारीसारा जग तेरे