फिर भी मुझे इकरार है
होश में रहियेगा दुनिया लूटने को हमेशा से तैयार है वो जिसे अपना समझते हो उसके लिए तो व्यापार है एक दौलत है जिंदगी गर
होश में रहियेगा दुनिया लूटने को हमेशा से तैयार है वो जिसे अपना समझते हो उसके लिए तो व्यापार है एक दौलत है जिंदगी गर
वो जिसने छोड़ा खुद को टूटकर रब के सामने उसे रब सम्हालता ही है न तोड़ता सब के सामने बहस से कभी समस्या का समाधान
सम्हले जमाना जरा कयामत ढाने का इरादा लग रहा है खुद को बदलते दौर में आजमाने का वादा लग रहा है हुस्न तो हुस्न है
साथ कोई हो ये आरजू रही है हर एक की मिल गए और न बने कमी रही विवेक की इंतजार ने बढ़ाई है चाहतों की
मंजिले दूर होती रही राश्तों का कसूर होगा यह कोई नहीं सोचता रास्तों को चुनना भी तो हमारा दस्तूर होगा मंजिले नजदीक होंगी रास्तों को
माँ होती है तब जा कर एक वंश खानदान बनता है बेटे बेटियों पर सब कुछ वार दिया करती है तब जा कर वंश का
अजनबी भी अपना हो सकता है अपनों में बेगाना खो सकता है दूरियों का माने मिलने वालों से पूछो फासलों से दिल का कोना रो
एक महिला जिससेहर रिश्ता बुनियादी हैजो बचपन की गुरु हैऔर ममता की फरियादि हैमहिलाओं का सम्मानफ़र्ज है हमारायही सबक सबकेलिए मर्यादी हैदिलों पर पहलाअधिकार माँ
पर्व है रंगों का मन को भी रंग लीजियेहोलिका भस्म हुई प्रहलाद को संग लीजिएभक्ति की शक्ति को सदा नमन रंग दीजिएनास्तिकता बदरंग है इसका
रंग अनेकों होते तो हैँआँचल हर एक भिगोते तो हैँ कंही रंग प्रीत काकंही रंग रीत काकंही रंग मनमीत कादिखाई दे जाएदिल के झारोके जो