जय तिवारी
जय तिवारी

जय तिवारी

संक्षिप्त परिचय :- जन्म 10 सितम्बर 1988 को म0प्र0 के रीवा जिले से महज 10 कि0मी0 दूर एक छोटे से गाँव मे एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। शिक्षा:- एम0 ए0 अंग्रेजी साहित्य, बी0 एड0. रचनाएँ:- नंगा बादशाह से बड़ा, मोबाइल, मैं गाँव हूँ, मैं टाक बेचता हूँ, पर्यावरण न एक दिवस हो, पावस ऋतु, कुर्बान-ए-आजादी एवं अन्य बहुत सी रचनाएँ एवं 'जीवन चक्र' निबंध संग्रह। सम्मान:- वर्ष 2020 में 'काव्य सलिल' एवं 'हिंदी-श्री' सम्मान से सम्मानित। साहित्यिक योगदान:-देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से कविताओं का प्रकाशन।Mob.-9770468773. Copyright@जय तिवारी/इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

होली रंगों का त्यौहार

होली रंगों का त्यौहार, मिलकर सबको बांटे प्यार, चलो रंगों में हम रंग जाएं रसिया। चलने लगे जब-जब पूरवईया। झूमने लगे प्यारी फूलों की कलियाँ।।

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नारी तू नारायणी

नारी तू नारायणी, जग की तू आधार। तुझसे ही घर-बार, तुझसे ही संसार।। तू ही कमला, तू ही गौरी, तु ही चंडी-काली। तू ही माता

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कुर्बान-ए-आजादी

ये आजादी नहीं हमने,कोई उपहार पाई है।हमारे राष्ट्र भक्तो ने,लड़ी कितनी लड़ाई है।।न जाने लाल कितने,इस जगत जननी ने हैं खोए।तभी जाके सभी अवनी में,हम

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