पदचिह्न बनाते बढ़ता चल
पदचिह्न बनाते बढ़ता चल, तू कालचक्र के पथ पर पूण्यकर्म तू करता चल, निःस्वार्थ भाव मन रखकर खींच लकीरें ऐसी प्यारे -2 देखता जग रह
पदचिह्न बनाते बढ़ता चल, तू कालचक्र के पथ पर पूण्यकर्म तू करता चल, निःस्वार्थ भाव मन रखकर खींच लकीरें ऐसी प्यारे -2 देखता जग रह