फागुन में मन बौराया
मनवा बहुत ललचाया
वातावरण बना सुखमय सौंदर्य का
खुशबू फूलों को भाया ।
फागुन के रंग में हम भी ढलें
राधा कृष्ण के संग चलें
खूब गुलाल उड़ाया मैंने
प्रियतम ने मुझे रंग लगाया ।
आया खुशी फागुन लेकर
प्रेम ,प्रिया के साथ देकर
आया स्वर्ग से एक संदेशा
दिलों में प्रेम तरंग भरकर
तब आया जीने का मजा
जब प्रकृति ने फूल बरसाया
प्रियतम ने बड़े प्यार से मुझको
अपना गले लगाया ।
फागुन में मन बौराया
मनवा बहुत ललचाया ।
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