जताने की ज़रूरत क्या है

प्यार करते हो जताने की ज़रूरत क्या है
हम पे मरते हो दिखाने की ज़रूरत क्या है

हम तो ऑंखों से नशा कर ही चुके हैं पहले
ज़ाम हाथों से पिलाने की ज़रूरत क्या है

सामने वाले घर से तो उठेगी डोली
घर हमारा भी सजाने की ज़रूरत क्या है

हम अकेले तो रहेंगे ही नहीं उस घर में
तो भला हमको ठिकाने की ज़रूरत क्या है

हमको मालूम ये मज़दूरी न होगी तुमसे
तो तुम्हें यार कमाने की ज़रूरत क्या है

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रचनाकार

Author

  • गुलशन पंवार

    गुलशन पंवार का जन्म मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के आंबा गांव में 22, अक्टूबर 2001 को हुआ। इनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव और ननिहाल में हुई। इन्होंने बी.ए.(अंग्रेजी साहित्य) से किया। इनकी रचनाएं पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। युवा कवि और शायर ग़ज़ल और कविताएं लिखते हैं। Copyright@गुलशन पंवार/इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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