उठव देश काय नौजवान (अवधी कविता)

उठव देश कय नौजवान अब किस्मत लेव अजमाय।
करव काम विश्वास से अपन भाग्य लेव अजमाय।।
काम धर्म हय काम हय पुजा सबसे काम महान।
काम करय जो लक्ष्य पर डटि कय वहय हय भाग्यवान।।
लगनशील रही के सदा जो अपने काम पर कराई विश्वास ।
सफलता मिलि कय रही एक दिन कबहुं होयव ना निराश ।
जन्मत जब कऊनो समस्या संघेंन जन्मत समाधान।
बुद्धि लगाय जो आगे बढ़य मनाई वहय विद्वान।।
हार कय आगे जीत हय जो तुम धाई लेव ध्यान।
दुनिया तुमरे आगे झुकी मिटी जाई सगरिव अज्ञान।।
लाग जहां मन बोली काम भवा हुंवा हय जीत।
जहां आदर सम्मान होत हुंवा होत हय प्रीत।।
उठव देश कय वीर जवान गांव देश अब लेव बनाय।
नेपाल देश सब कय महतारी सुख शान्ति से देव सजाय ।।
जब जब जागे युवा देश मा आवा हय बदलाव।
मिलव देश हित आपस मैंईहां समृद्ध देश लेव बनाय।
शक्ति कय सागर नौजवान हय खून गरम बलवान।
मिटय गरीबी देश से अपने हर मनाई होय धनवान।।
बिगुल फुंकी देव परिवर्तन कय नारा देव लगाय।
देश रहि तो हम रहिबे आनन्द रहे सबका समझाय ।।

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रचनाकार

Author

  • आनन्द गिरि मायालु

    (कवि, लेखक, पत्रकार, समाजसेवी एवं रेडियो उद्घोषक) शिक्षा : स्नातक पेशा : नौकरी रुचि : लेखन, पत्रकारिता तथा समाजसेवा देश विदेश की दर्जनों पत्र पत्रिका में कविता, लेख तथा कहानी प्रकाशित। आकाशवाणी लखनऊ, नेपाल टेलीविजन तथा विभिन्न एफएम चैनल से अंतर्वाता तथा कविताए प्रसारित। भारत तथा नेपाल की तमाम साहित्यिक संस्थाओं से सम्मान तथा पुरुस्कार प्राप्त। पता : करमोहना, वार्ड नंबर 3, जानकी गांवपालिका, बांके (लुम्बिनी प्रदेश) नेपाल।Copyright@आनन्द गिरि मायालु/ इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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