बेटियां किसी से कम नहीं है इस जहान में
वायुवान रेल तक चलाया है भारत महान में
बेटियां अपने दम पर जँहा को जीत आई है
बेटियो में ही सृष्टि का संचालन समाई है
गुलाब जुही रात रानी से गुलशन महकता है
बेटी से ही माँ बाप का घर आगंन चहकता है
बेटियां है फुुल गुलाब का जिससे हर घर सजता है
बेटियां है स्वरूप लक्ष्मी का जँहा नेमते बरसता है
बेटियां है सरस्वती की बीणा जिससे सात सुर बनता है
बेटी है रूप दुर्गा का जो महिषासुर का संघार करता है
बेटी है तहजीब गंगा का जिसके मन में अनुराग पलता है
दशहरे का नवदुर्गा का पूजन है बेटियां
बेटा अगर सोना है तो कुन्दन है बेटियां
ललाट को सुशोभित करे वो चंदन है बेटियां
ईश्वर का वरदान है और वंदन है बेटियां
बेटियां है जगत जननी इसका मान सदा करे
बेटी ही नहीं रही धरा पर सोचो हम कँहा रहे
भ्रूण हत्या दहेज प्रथा इस धरा से खत्म करे
बेटियों का मान रहे आओ ऐसा प्रयत्न करे