जो किस्सा अजनबी था जिन्दगी का,
आजकल हमसफर है जिन्दगी का।
कोई भी आदमी परिचित नहीं है,
बड़ा तन्हा सफर है जिन्दगी का।
जो अक्सर धूप में जलकर चले थे,
आजकल वो हुनर हैं जिन्दगी का।
कहाँ मुश्किल है खुद का सामना भी,
आईना होना भर है जिन्दगी का।
कोई चेहरा बड़ा मुश्किल है पढ़ना,
निगाहों में सफर है जिन्दगी का।
इबादत में झुके जिसके लिये सर,
देवता होना भर है जिन्दगी का।
शिकायत हो या फिर कोई अदावत,
हौसला करना भर है जिन्दगी का।
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