होली आई होली आई ,
रंगों की बहार है लाई।
होली आई होली आई ।।
रंग – बिरंगे गुलालों के संग,
मिलकर हम सब हमजोली ।
स्नेह और सौहार्द के रंगों से ,
खूब मजे में खेले होली।।
जी भर खाएं यारों के संग,
पुआ – पूड़ी दहीबड़े मिठाई।
दूध और भंग के मिलन से ,
बन कर आ गई ठंडई।।
वसंती हवा मदमस्त फिज़ा ,
रंगों की बौछार है भाई।
ऋतु वसंत को साथ में लेकर ,
पावन होली की त्योहार है आई।।
पीला हरा लाल गुलाबी ,
हाथों में लें रंगों की लाली ।
ढोल बजाओ फागुन गाओ,
हंसी – खुशी से सखियों की टोली ।।
ऐसा रंग चढ़े लोगों पर ,
हो ना किसी से मन मैली ।
प्रेम के रंग में रंग जाएं सब ,
मुख से बोलें ऐसी बोली ।।
होली आई होली आई ,
खुशियों की सौगात है लाई ।
होली आई होली आई ।।
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