होरी गिरि कैलाश पे

होरी गिरि कैलाश पे खेलत गौरीशंकर। होरी…..

रंग अबीर लिया माता ने, चिताभस्म प्रलयंकर।

तारी दे दे नाचत गावत भूत पिशाच भयंकर।। होरी….

एक पाँव पर नृत्य करत हैं झूम झूम अभयंकर।

डम डम डमरू के निनाद पर मोहित कंकर – कंकर।। होरी…..

एकदन्त नन्दी मुरुगन को साथ लिए शिवशंकर।

सकल जगत के भाग्य जगावत आज ‘असीम’ शुभंकर।। होरी……

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रचनाकार

Author

  • शैलेन्द्र 'असीम'

    पूरा नाम : शैलेन्द्र कुमार पाण्डेय उपाख्य : असीम पता : पाण्डेय निवास रोहुआ मछरगावां, कुशीनगर उत्तर प्रदेश पिन - 274149 मो. न. 7007947309 Copyright@शैलेन्द्र 'असीम'/ इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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