हमारे बारे में

भारत की संस्कृति,साहित्य,लोक परंपरा और विविध विषयक अक्षय ज्ञान के संकलन व प्रसार के लिए इन्टरनेट पर एकीकृत मंच

ज्ञान विविधा ज्ञान के मुक्त कोष के रूप में डॉ. दिवाकर चौधरी द्वारा विविध विषयक ज्ञान को एकत्रित कर एक स्थान पर उपलब्ध कराने  हेतु अव्यावसायिक और सामूहिक परियोजना के रूप में परिकल्पित, स्थापित और संचालित है.इसका उद्देश्य भारतीय साहित्य, संस्कृति,लोक-परंपरा और ज्ञान के अक्षय भंडार को इन्टरनेट पर एकत्रित करने, संग्रहित करने और एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने का है. साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर और मेधावी छात्रों को यथासंभव सहयोग पहुँचाना भी है. आप सभी सुधि जनों से आग्रह है  कि भारतीय ज्ञान के अक्षय भंडार को सर्व सुलभ बनाने के इस ज्ञान यज्ञ में अपना योगदान अवश्य दें.

ज्ञानविविधा से जुड़े

ज्ञानविविधा इण्टरनेट आधारित ज्ञान के विविध क्षेत्रों के एकीकृत कोष  के रूप में परिकल्पित परियोजना है जो दुनिया भर के उन सभी योगदानकर्ताओं द्वारा समुन्नत किया जा सकता  है, जो ज्ञान को बाँटने एवं उसका प्रसार करने में विश्वास रखते हैं। ज्ञानविविधा भारतीय साहित्य, संस्कृति,लोक परम्परा  और विविध विषयों से सम्बंधित  ज्ञान के अकूत भंडार को एकत्रित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया गैर व्यवसायी, शैक्षिक, सामाजिक और स्वयंसेवा आधारित सामूहिक  परियोजना है| इसका लक्ष्य सामाजिक हित है ना कि आर्थिक|

ज्ञानविविधा पर किस विषय  से सम्बंधित रचनाएँ लिखी और संग्रहित की जाती है ?

आप ज्ञानविविधा में  किसी भी विषय पर रचनाएँ  लिख सकते हैं बशर्ते कि यह संग्रह के उपयुक्त हो क्योंकि यहाँ संकलित रचनाएँ  पूरी दुनिया में पढ़ी और देखी जा सकती है | जिसके लिए ज्ञानविविधा  पर कई कुछ नीतियां निर्धारित हैं। इसलिए किसी भी  विषय  से सम्बंधित  रचना हमें भेजने  से पूर्व यह सुनुश्चित कर लें कि आपकी रचना  में प्रयुक्त तथ्य  निष्पक्ष हैं। किसी भी विषय से सम्बंधित रचना में तथ्य  निष्पक्ष इसलिए भी होने चाहिए क्योंकि ज्ञानविविधा  ज्ञान के प्रसार  का माध्यम है  ना कि किसी विचारधारा  के  पक्ष-विपक्ष में समर्थन या विरोध करने का।

ज्ञानविविधा  में कौन-कौन योगदान कर सकते हैं

वे कोई भी व्यक्ति जो अपने किसी भी व्यक्तिगत हितों पर ध्यान दिए बिना ज्ञान का प्रसार करने के  इच्छुक हैं, इस परियोजना को अपना योगदान दे सकते हैं। वे कोई भी जो ज्ञानविविधा  के जरिये अपने कृतित्व को सुरक्षित व संरक्षित रखना चाहते हैं एवं उसे जन-जन तक पहूँचाकर सबको लाभान्वित करने के इच्छुक हैं, इस परियोजना को अपना योगदान दे सकते हैं। इस प्रकार कोई भी व्यक्ति, किसी भी व्यवसाय से जुड़ा व्यक्ति चाहे  वह स्वयं विद्यार्थी हो या किसान,  हर कोई ज्ञानविविधा के माध्यम से  ज्ञान के  प्रसार में अपना योगदान दे सकते हैं।

टाइपिंग – यदि आप टाइप करना जानते हैं तो आप रचनाएँ कोश में जोड़ सकते हैं।

प्रूफरीडिंग – आप पहले से मौजूद रचनाओं को पढें और यदि आप उनमें कोई ग़लती पाते हैं, जैसे कि वर्तनी की ग़लतियाँ, तो कृपया उन ग़लतियों को सुधारने में अपना योगदान दे सकता हैं | यदि आप प्रूफ़-रीडिंग करना चाहते हैं तो कृपया हमारे email-vividhagyan@gmail.com पर ईमेल कर हमें अपने बारे में बताएँ।

साहित्यिक सामग्री,पुस्तकें,पांडुलिपियाँ – यदि आपके पास किसी भी भाषा या विषय से सम्बंधित  दुर्लभ रचनाएँ  या  सामग्री है तो आप हमें ऐसी पुस्तकें, पांडुलिपियाँ इत्यादि उपलब्ध करा सकते हैं। हम इस सामग्री को डिजिटाइज़ कर  ज्ञानविविधा  में संरक्षित कर लेंगे। हमें किसी भी विषय, लोकगीतों और क्षेत्रीय यथा-भोजपुरी,अवधी,बज्जिका, मैथिली इत्यादि किसी भी भाषा में लिखी रचनाएँ और ज्ञान ग्रंथ की आवश्यकता है। यदि आपके पास इस तरह की सामग्री है तो कृपया हमारे email-vividhagyan@gmail.com या WhatsApp no.-9835407563 पर हमें भेजें या इसकी जानकारी दें।

ज्ञानविविधा से क्यों जुड़ें ? इससे मुझे क्या लाभ मिलेगा?

ज्ञानविविधा  कोई व्यावसायिक परियोजना नहीं है अपितु एक ऐसी परियोजना है जिसमें हर कोई  जो इनमें रूचि रखते हैं, अपना योगदान दे सकते हैं। यह एक सामूहिक प्रयास के रूप में परिकल्पित परियोजना है,  ज्ञान के विविध रूपों के  संकलन एवं प्रसार करने का,इसमें आप जैसे असंख्य विद्वत जनों के सहयोग से ही यह सब कुछ संभव है। आप ज्ञानविविधा  पर अपने महत्त्वपूर्ण ज्ञानार्जन को, रचनाओं को डिजिटल  रूप में सुरक्षित रख पाएंगे अन्यथा समय के साथ आपके द्वारा परिश्रम से एकत्रित किया गया ज्ञान क्षीण होते-होते लुप्त हो जायेगा जिसे पुन: प्राप्त करने में आप कदाचित उतना  परिश्रम नहीं कर पाएंगे। यदि इस प्रयास में हम सब अपना योगदान दें  तो इससे ज्ञान का एक ऐसा भंडार निर्मित होगा जिससे हम ही नहीं अपितु हमारी आने वाली पीढ़ियां भी अपने ज्ञान की अभिवृद्धि कर सकेगी | साथ ही आप का नाम योगदानकर्ताओं की सूची में स्थायी रूप से दर्ज रहेगा|

अपनी रचनाएँ हमारे ईमेल- vividhagyan@gmail.com  पर भेजें। रचना के साथ  निम्नलिखित जानकारी भेजना आवश्यक है:

  1. रचनाकार के रूप में आपका पूरा नाम लिखें| नाम की वर्तनी शुद्ध लिखें|
  2. उपनाम(यदि प्रयोग करते हैं तो)
  3. अपना एक चित्र 
  4. जन्मतिथि(वर्ष सहित)
  5. जन्मस्थान(राज्य के नाम सहित)
  6. यदि कोई पुस्तक प्रकाशित हुई है तो पुस्तकों और उनके प्रकाशकों के नाम(यदि आप देना चाहें)
  7. प्राप्त पुरस्कार
  8. जीवनी 
  9. कम से कम पांच रचनाएँ 
  10. इस ईमेल में आपको साफ़ शब्दों में लिखना होगा की आपको, आपके किसी भी प्रकाशक को या आपकी रचनाओं के अन्य कॉपीराइट धारक को ज्ञानविविधा में आपकी रचनाओं के संकलन पर किसी भी प्रकार की कोई भीआपत्ति नहीं हैऔर इन सभी की ओर से आपकी रचनाओं को कोश में जोड़ने की अनुमति है
    1. रचनाएँ किसी भी भाषा में (यदि संभव हो तो हिन्दी या अंग्रेजी में भेजें)भेज सकते हैं |
    2. सारी रचनाएँ व जानकारी एक ही ईमेल के ज़रिए भेजे।पांच रचनाओं के लिए अलग –अलग ईमेल नहीं करें |
    3. रचनाओं की टाइपिंग एकदम सादे तरीके से की जानी चाहिए। किसी भी तरह की फ़ॉर्मेटिंग की ज़रूरत नहीं है|
    4. रचनाएँ भेजने से पहले सारी वर्तनी जाँच लें। 
  • ज्ञानविविधा के विकास में भाग लेने की आपसे अपेक्षा है कि आप अपनी रचनाओं के अतिरिक्त दूसरे रचनाकार  की रचनाओं को भी ज्ञानविविधा में शामिल करके या शामिल करने के लिए प्रेरित करके आप कोश के विकास में सहायता करेंगे।

1.रचनाओं की गुणवत्ता(हमारी एक मात्र शर्त आपकी रचनाएँ गुणवत्तापूर्ण हों क्योंकि ये पूरी दुनिया में देखे और पढ़े जा सकते हैं

मुझे भी ज्ञानविविधा में योगदान देना है, मैं क्या करुँ?

ज्ञानविविधा  पर आपका स्वागत है। आप जैसे विचारकों  के कारण ही ज्ञानविविधा का सम्यक  विकास हो सकता  है। ज्ञानविविधा पर योगदान के कई तरीके हैं। अगर आपके पास कोई रचना है या आप किसी रचनाकार को जानते है और उनकी रचनाएँ इस योग्य हो कि उन्हें यहाँ शामिल किया जा सकता है तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं | आप हमारे साथ स्थायी या कुछ निश्चित समय के लिए भी कार्य कर सकते हैं| उपर्युक्त किसी भी स्थिति के लिए हमसे email-– vividhagyan@gmail.com, मोबाइल नं.-9835407563 (whatsapp) पर संपर्क कर सकते हैं |

आपके प्रश्न

ज्ञानविविधा से सम्बन्धित किसी भी जानकारी या आपके मन में कोई प्रश्न हो तो हमारे email – vividhagyan@gmail.com पर अपना सन्देश दे सकते हैं अथवा मोबाइल नं.-9835407563 (whatsapp)  पर सम्पर्क कर सकते हैं।

श्रीमती अनुभा चौधरी - प्रशासक व सयुक्त निदेशक

डॉ.दिवाकर चौधरी - संस्थापक,प्रबंधक व निदेशक

प्रो.डॉ.दशरथ प्रजापति - वरिष्ठ परामर्शदाता सह संरक्षक

विनोद कुमार झा - वरिष्ठ परामर्शदाता सह संरक्षक

डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी - सदस्य सह तकनीकी प्रधान,ज्ञानविविधा टीम

डॉ विभूति दत्त सिंह - सदस्य- ज्ञानविविधा टीम

डॉ मनीष कुमार - सदस्य- ज्ञानविविधा टीम

आशुतोष कुमार ‘कन्हैया’ - सदस्य- ज्ञान विविधा टीम

रौशन कुमार - सदस्य- ज्ञान विविधा टीम

प्रभात रंजन चौधरी - सदस्य- ज्ञान विविधा टीम

आलोक कुमार - सदस्य- ज्ञान विविधा टीम

कॉपीराइट

ज्ञानविविधा भारत की संस्कृति, साहित्य, लोक परंपरा और विविध विषयक अक्षय ज्ञान के संकलन व प्रसार के लिए इन्टरनेट पर एकीकृत मंच है और एक स्थान पर एकत्रित करने का एक अव्यावसायिक और शैक्षिक प्रयास है। इस वेबसाइट पर संकलित सभी रचनाओं का सर्वाधिकार रचनाकार या अन्य वैध कॉपीराइट धारक के पास सुरक्षित हैं।

कॉपीराइट के सम्बन्ध में आपत्ति और निराकरण

यद्यपि इसकी संभावना बहुत ही कम है तथापि यह संभव है कि किसी रचनाकार या प्रकाशक को उनके द्वारा लिखी गई या प्रकाशित की गई किसी रचना के ज्ञानविविधा में होने पर आपत्ति हो। क्योंकि ज्ञानविविधा पूरी तरह से अव्यावसायिक और शैक्षिक परियोजना के रूप में शुरू किया गया है। यह एक  ऐसा मंच है जिसमें विश्व भर से लोग भाग ले सकते  हैं। इस कोश के अस्तित्व और विकास के पीछे किसी का कोई भी आर्थिक हित नहीं है, अपितु सामाजिक हित की भावना सन्निहित है ।

ज्ञानविविधा का एकमात्र उद्देश्य भारत की संस्कृति, साहित्य, लोक परंपरा और विविध विषयक अक्षय ज्ञान को इंटरनेट पर एक जगह प्रतिष्ठित करना है ताकि पूरा संसार इसका लाभ उठा सके। ज्ञानविविधा की स्थापना के पीछे एक ही उद्देश्य  है कि इसके अस्तित्व में आने से भारत की संस्कृति, साहित्य, लोक परंपरा और विविध विषयक अक्षय ज्ञान का प्रचार-प्रसार तेजी से पूरे विश्व में हो सकेगा और विद्वत जन एवं अध्येता व जिज्ञासु एक ही स्थान पर इसका आनंद ले पाएंगे| साथ ही ज्ञानविविधा में संकलित सभी रचनाओं के साथ रचनाकारों का नाम दिया जाता है जिससे रचनाकार को उचित श्रेय भी मिलता है और एक बड़ा पाठक वर्ग उनकी रचनाओं के माध्यम से उन तक पहुँच पाता है |

इंटरनेट आज के युग में सूचना प्रसार का सबसे बड़ा, लोकप्रिय और सशक्त माध्यम है। वर्तमान युग में इंटरनेट पर किसी भी सूचना को फैलने से रोका नहीं जा सकता। विविध विषयक असंख्य रचनाएँ इंटरनेट पर यत्र-तत्र बिखड़ी पड़ी हैं। ज्ञानविविधा इन सभी रचनाओं को एक स्थान पर लाने का एक प्रयास मात्र है। रचनाकार स्वयं भीअपनी रचनाओं को ज्ञानविविधा में संकलित करना चाहेंगे, क्योंकि इससे रचनाकार को उनकी रचना के माध्यम से पूरी दुनिया में जाना जायेगा, उनके विचारों और ज्ञान को विश्वभर में पढा़ और सराहा जायेगा। जब किसी आर्थिक लाभ को लेकर रचनाओं को संकलित या प्रयोग किया जाता है तभी रचनाकारों को आपत्ति होती है। लेकिन ज्ञानविविधा की  पूर्णतया अव्यावसायिक और सामाजिक-शैक्षिक हितबद्धता की प्रकृति को देखते हुए रचनाकार और कॉपीराइट-धारक इंटरनेट पर ज्ञानविविधा जैसे संकलन से केवल प्रसन्न ही होंगे ऐसा विश्वास है । ज्ञानविविधा को विद्यार्थियों, विद्वत जनों और सुधीजनों को केंद्रबिंदु मानते हुए प्रारम्भ किया गया है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विद्वतजन और  बहुत से प्रख्यात रचनाकार भी शामिल हैं तथा शेष सभी विद्वत रचनाकारों,विद्वानों तक पहुँचने एवं उन्हें शामिल करने की हमारी कोशिश अनवरत जारी रहेगी।

सामान्यतः प्रकाशित पुस्तकों के पाठक और इंटरनेट के पाठक की सोच भिन्न  होती है। जो लोग पुस्तक खरीद कर पढ़ने में रुचि रखते हैं,उन्हें इंटरनेट पर निःशुल्क उपलब्ध  पुस्तकें भी अच्छी नहीं लगती हैं और वे पुस्तक खरीदकर ही पढ़ना पसंद करते हैं। साथ ही लोग पुस्तकें इस लिये भी खरीदते हैं कि उन्हें  घर और पुस्तकालय इत्यादि में संकलन किया जा सके और जब चाहे उसे पढ़ा जा सके । इसलिये ज्ञानविविधा किसी भी रचनाकार या प्रकाशक को व्यावहारिक रूप से भी किसी भी तरह की आर्थिक हानि नहीं पहुँचाता है। इसके विपरीत ज्ञानविविधा रचनाकारों और प्रकाशकों  की रचनाओं को वहाँ तक भी पहुँचाता है जहाँ तक उनकी प्रकाशित पुस्तकें  नहीं पँहुच पाती। इससे रचनाकार के पाठक-समूह में वृद्धि होती है और परोक्ष रूप से प्रकाशकों को भी इसका लाभ मिलता है । ज्ञानविविधा पर  संकलित रचनाओं और पुस्तकों के रचनाकार के साथ ही उनके  प्रकाशकों के नाम और पते भी उपलब्ध करायी जाएगी| इससे जो पुस्तक को खरीदना चाहेंगे, प्रकाशक से आसानी से सम्पर्क कर पाएंगे।

इस प्रकार किसी न किसी तरह  ज्ञानविविधा  रचनाकार, प्रकाशक , विद्वतजनों, विद्यार्थियों और पाठक वर्ग सभी के लिये हितकर है। सबसे  महत्वपूर्ण यह है कि ज्ञानविविधा को भारत की संस्कृति, साहित्य, लोक परंपरा और विविध विषयक अक्षय ज्ञान के संकलन और विश्व भर में प्रसारित करने का एक सशक्त माध्यम बनाने के रूप में परिकल्पित है और यह सब आपके सहयोग एवं स्वीकृति से ही संभव है।

इसके उपरांत भी यदि किसी रचनाकार,प्रकाशक, उत्तराधिकारी या किसी अन्य  कॉपीराइट-धारक को कोई आपत्ति है तो, उनसे अनुरोध है कि वे ज्ञानविविधा के महत्व व  भारत की सांस्कृतिक, साहित्यिक, लौकिक और विविध विषयक अक्षय ज्ञान-विरासत के संकलन और विश्व भर में प्रसारित करने व जन-जन तक पहुंचाने  के महती उद्देश्य  को ध्यान में रखते हुए, ज्ञानविविधा के योगदानकर्ताओं से अनजाने में हुई इस  भूल के लिए  क्षमा कर देंगे और कॉपीराइट-धारक को कोई आपत्ति है तो वे  कृपया हमारे ईमेल-vividhagyan@gmail.com  पर सूचित कर देंगे। जिन रचनाओं के ज्ञानविविधा में होने पर उनके कॉपीराइट-धारक आपत्ति प्रकट करेंगे, उन्हें ज्ञानविविधा से हटा दिया जाएगा।

आपके सुझाव

ज्ञानविविधा से सम्बंधित अगर आपके पास कोई सुझाव है तो हमें अवश्य लिखें| हम आपके सुझावों की प्रतीक्षा करेंगे| आपका सुझाव हमारे लिए किसी सहयोग से कम नहीं हैं, ये हमारे प्रति आपके प्यार को दर्शाता है |  आपका सुझाव हमारे लिए अतिमहत्वपूर्ण है, हम उस पर गंभीरता से विचार करेंगे और उपयुक्त होने पर उस पर अमल भी करेंगे. हमें सुझाव देने के लिए धन्यवाद| अस्तु,इति शुभम|

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