सुबह का सूर्योदय नभ
से करता रहता ऐतबार
ओ मेरे प्रियतम
तुझसे है प्रेम का इजहार ।
आ जा बाहों में ओ
कुसुम तुम्हे दरकार
ओ मेरे प्रियतम तुमसे है
प्रेम का इजहार।
तुमसे ताजगी आती है सांसों में
फुल बदन में चुभते है
मन हो जाता है मदहोश
सारी खुशहाली मुझे घूरते है ।
ओ आओ खुशी बढ़ाने वाले
ओ मेरे पहला प्यार
ओ मेरे प्रियतम
तुमसे है प्रेम का इजहार।
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