रावण दुष्ट पापी नीच अथवा कुकर्मी था,
उसकी वो सजा पाया,उसे भूल जाइए।
आज की दशा को देखो,गली गांव नुक्कड़ में,
उठेगी नजर यदि,रावण ही पाइए।
होती है गलानि अब,सुनो भगवान मेरे,
धरती पे फिर अवतार ले के आइए।
करबद्ध तुमसे निवेदन हे!बजरंग,
आइए इन पापियों की लंका जलाइए।।
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