रंग अनेकों होते तो हैँ
आँचल हर एक भिगोते तो हैँ
कंही रंग प्रीत का
कंही रंग रीत का
कंही रंग मनमीत का
दिखाई दे जाए
दिल के झारोके जो हैँ
रंग अनेको होते तो हैँ
आंचल हर एक भिगोते तो हैँ
रंग में दर्द जुदाई का
रंग मिलन की रीत का
कोई रंग प्रीत से ईश्वर का
कुछ डूबना कुछ डूबा देना
गहरा हर रंग प्रीत का
रंगों में रंग है जीत का
खुद को जो हार दे
ऐसा भी रंग है प्रीत का
जुदाई का रंग अश्रु है
तो मिलन रंग है खुश रीत का
रंग अनेको होते तो हैँ
आँचल हर एक का भिगोते तो हैँ
रंग चढ़ता भी है
तो रंग उतरता भी है
सोचकर ही रंग खेलना
कोई आहत न हो जाये
कुछ ऐसा रंग है रीत का
हर रंग मन को रंग दे
खेलो रंग मनमीत सा
रंग अनेकों होते तो हैँ
आँचल हर एक भिगोते तो हैँ
रूठना भी रंग है
तो मनाना भी रंग है
सम्मान का भी रंग है
तो अपमान का भी रंग है
अपमान का रंग उतार है
तो सम्मान का रंग चढाव है
जग में अपमान का रंग न हो
तो हर मन है रंग सम्मान की जीत का
रंग अनेकों होते तो हैँ
आँचल हर एक भिगोते तो हैँ