बोल रहा इतिहास

चीखकर बोल रहा इतिहास

तुम्हारे हाथों में

भगवाधारी है भगवा की

अब लाज तुम्हारे हाथों में

बीत गया जो समय-समय से

बुरी रात का सपना था

कल के उज्वल हिस्से का है

आज तुम्हारे हाथों में !

पढ़ो जरा उस पन्ने को

जो साक्ष्य है हल्दीघाटी का

रक्तपात से लाल हुआ कण कण

मेवाड़ी माटी का

जिंदा है आज भी रांणा का

आगाज तुम्हारे हाथों में

भगवाधारी है भगवा की

अब लाज तुम्हारे हाथों में !

वीर शिवाजी को पढ़ डालो

पराक्रम की गाथा को

जीवन भर तुम नमन करोगे

इक इक अमर मराठा को

जीजाबाई की शिक्षा का

पाठ तुम्हारे हाथों में

भगवाधारी है भगवा की

अब लाज तुम्हारे हाथों में !

शूरवीर क्षत्रियों की गरिमा

तार तार न हो जाए

धर्म युद्ध में अधर्मियों की

जय जयकार न हो जाए

इतना समझो आज शिकारी

बाज तुम्हारे हाथों में

भगवाधारी है भगवा की अब

लाज तुम्हारे हाथों में !

कपट और छल की स्याही से

लिखा गया हर पन्ना है

बना महान मुगल जिसमें

एलेक्जेंड्रा ब्रिटिश ही धन्ना है

अपनों की है दबी हुई आवाज

तुम्हारे हाथों में

भगवाधारी है भगवा की अब

लाज तुम्हारे हाथों में !

तोड़ शिवाले मंदिर जिसने

संस्कृति का नाश किया

सदा हमारी परम्परा का

कदम कदम उपहास किया

यही समझ लो कैद है

धोखेबाज तुम्हारे हाथों में

भगवाधारी है भगवा की अब

लाज तुम्हारे हाथों में !

महलों की रानी होकर वो

वीरानों में पड़ी रहीं

सौ सौ अंग्रेजी सैनिक से

एक अकेली अड़ी रहीं

कदम कदम पर अपनों का

आघात तुम्हारे हाथों में

भगवाधारी है भगवा की अब

लाज तुम्हारे हाथों में !

पराक्रम की धरती है

और वीरों का है देश मेरा

जहां राम कृष्ण ने जन्म लिया

पावन उत्तर प्रदेश मेरा

गीता का हर ज्ञान राम का

राज तुम्हारे हाथों में

भगवाधारी है भगवा की

अब लाज तुम्हारे हाथों में !

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रचनाकार

Author

  • संजय श्रीवास्तव अवधी

    प्रसिद्ध नाम-संजय अवधी, पिता-दिनेश चन्द्र श्रीवास्तव, लेखन विधा- गीत और कविता, प्रथम काव्य प्रस्तुति- ऑल इंडिया रेडियो, गीतकार के रूप में उपलब्धि- विश्व स्तरीय म्यूजिक कंपनी टी सीरीज के लिए गीत लेखन, प्रारंभिक लेखन- श्री महेश्वरी सेवक मासिक पत्रिका, प्रतिष्ठित समाचार-पत्रदैनिक जागरण से. विशेष उपलब्धि- रजत जयंती सम्मान अवध भारती सम्मान तथा अवधी तुलसी सम्मान 2021 अवध भारती संस्थान द्वारा प्राप्त एवं अन्य संस्थानों द्वारा सम्मानित. आने वाली प्रथम अवधी पुस्तक- 'भोली चिरैया' उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा. संस्थापक- अवध सीरीज अवधी लोककला विस्तार मंच लल्लू पुरवा,इटरौर. निर्माता निर्देशक- अवध सीरीज. उद्देश्य- विलुप्त होती अवधी संस्कृति, अवधी लोककला विरासत को ग्रामीण आयोजन के माध्यम से आगे बढ़ाना. पता-लल्लू पुरवा, इटरौर, मनकापुर, गोंडा,Copyright@संजय श्रीवास्तव अवधी/ इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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