बसंत ऋतु के आगमन पर
जैसे बगिया फूलों से महक
जाती है,
वैसे उन्हें देख मेरी पलकें
शर्माकर आँखों से चिपक जाती है।
हरे भरे खेत में जैसे लहलहाती है सरसों,
साथ तुम्हारें मेरे ऐसे बीते बरसों।
चारों तरफ मतवाला माहौल तीज त्यौहार की जैसे आ जाती बहार है,
बस उनको देख मेरे मन में छाये प्यार का खुमार है।
बसंत ऋतु जैसे अपने साथ लाती मोहिनी खुशबु वाले आम हैं,
उनके आने से मेरी जिंदगी की
खिलती सुबह और सुहानी शाम हैं।
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