बरसों से बेनूर है(11 दोहें)

बरसों से बेनूर है , खुशियों का फानूस ।

किस्मत होती जा रही , दिन पर दिन कंजूस ।

दुनिया के बाज़ार में , मैं इक तन्हा जान ।

सब मुझसे अनजान हैं , मैं सबसे अनजान ।

भिन्न भिन्न दोहे कहे , भिन्न भिन्न हैं शे’र ।

कोई मीठा आम है , कोई खट्टा बेर ।

सबने हमसे उम्र भर , चुकता किया हिसाब ।

बांच न पाया कोइ भी , मन की सरल किताब ।

मन पंछी मासूम सा , मन बच्चा नादान ।

तन दंगों की आग में , जलता हुआ मकान ।

केश घटाएं श्रावणी , मुख से झरती धूप ।

देह दमकती दामिनी , उजला उजला रूप ।

देख रहा हूं मैं जिसे , जीवन कहते लोग ।

आपाधापी उम्र की , और हज़ारों रोग ।

लाए उम्र उधार की , चढ़े सूद पर सूद ।

फिर भी मन में भर रहे , नफ़रत का बारूद ।

तुम हो तारे आंख के , तुम हो हमे अज़ीज़ ।

आओ तुमको बांध दें , उल्फत का तावीज़ ।

नई नई है ज़िंदगी , नया नया परिवेश ।

मान रहे माता पिता , बच्चों का आदेश ।

मन की खिड़की खोल कर , तुम्हे देखता रोज़ ।

करता हूं हर रोज़ ही , यादों को कंपोज़ ।

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रचनाकार

Author

  • कमलेश श्रीवास्तव

    कमलेश श्रीवास्तव पिता-श्री शिवचरण श्रीवास्तव माता-श्रीमती गीता देवी श्रीवास्तव जन्म तिथि- 14 अगस्त 1960,श्री कृष्ण जन्माष्टमी जन्म स्थान- सिरोज, जिला विदिशा, म.प्र. शिक्षा-एम.एससी.(रसायन शास्त्र) साहित्यिक गतिविधियाँ- आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से रचनाओं का प्रसारण विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन हिन्दी उर्दू काव्य मंचों पर काव्य-पाठ| कृतियाँ/प्रकाशन- नवगीत संग्रह समांतर-3, गज़ल संग्रह "वक्त के सैलाब में" एवं गज़ल संग्रह "क्या मुश्किल है" का प्रकाशन सम्प्रति- शाखा प्रबंधक एम.पी. वेअर हाऊसिंग एण्ड लॉजिस्टिक्स कार्पोरेशन शाखा पचौरी, जिला-रायगढ़ में शाखा प्रबंधक के रूप में पदस्थापित| संपर्क सूत्र- 269"धवल निधि" बालाजी नगर,पचौर, जिला- रायगढ़, म. प्र.,पचौर 465683 मो-09425084542 email-kamlesh14860@gmail.comCopyright@कमलेश श्रीवास्तव / इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |

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