सुनो
मेरे साथी मेरे हमगम
मै तुम्हे याद बहुत करती हूं
तुम वहां दुश्मनों से लडते है
मै यहां तुम्हारी यादो से लडती हूं
कुछ तो बताओ कब तक आओगे
मेरे हाथों से बना खाना कब खाओगे
अबकी होली दिवाली करवाचौथ भी ऐसे ही निकल गया
मेरे साथी मेरे हमगम
अब तो चले आओ
आना अबकी कुछ ज्यादा रोज के लिए आना
कुछ नही जो कुछ भी दुश्मनो को मार कर आना
मै भी कह सकूंगी मेरा साथी आया है
सीमा के दुश्मन को मार के आया है
पता है पिछली बार जब तुम बनारस होके आये थे
मेरे लिए बनारसी साडी लाये थे
मैने उसे अब तक नही पहनी है
जब तुम आओगे तब मै पहन लूंगी
साथ मे दो चार तस्वीरे ले लूंगी
यादे हो जाये ताजा
मेरे साथी मेरे हमगम
अब तो घर आजा
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