नारी तुम्हें अपने लिए खुद लड़ना होगा
उठो नारी और लड़ो अपने लिए,
कोई नहीं आएगा तुम्हें बचाने।
खुद को सबल बनाओ इतना,
कोई हाथ डाल न सके तुमपर कोई।
समय आ गया, अबला नहीं सबला बनने का।
तोड़ दो वो हाथ जो तुम्हें गंदी भावना से स्पर्श करे।
अपने बच्चों को भी सबल बनाना होगा।
उनको मार्शल आर्ट सीखना होगा।
अपनी रक्षा स्वयं करेंगी,
अभी लड़कियां किसी के भरोसे नहीं रहेंगी।
अपने साथ ऐसा सामान रखो,
लिस्पटिक्स और शीशे की जगह,
पैपर स्प्रे और सेफ्टी पिन रखो।
चला दो उस पर ये हथियार, जो डाले तुम्हारे ऊपर गंदी नजर का वार।
उठो अब तुम्हे अपने लिए उठना होगा।
कोई नहीं आएगा बचाने,
खुद के लिए लड़ना होगा।
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