दीपावली का महत्त्व

दीपावली का महत्त्व

ज्ञान का दिया अज्ञान के अंधकार को दूर करने के लिए जरूरी है। ज्ञान की एक रोशनी अंधेरे और सुने पड़े हुए कई कोनो को रौशन कर देती है। एक दीप से कई दीप जगमगाने लगते है। तरक्की के कई सोपान खुलने लगते है। अच्छी किताबें पढ़ना, अच्छे लोगों से बात चीत करना, अपनी जानकारी से दूसरों की जिंदगी को आसान बनाना, हमें लगातार समृद्धि की ओर ले जाता है। दीपोत्सव का आध्यात्मिक और दार्शनिक भाव है असतो मा सद्गमय तमसो मा ज्योतिर्गमय, यानी कि अज्ञानता के अंधकार से मुक्त करके ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाने के पर्व। लेकिन यह पर्व संकल्प का भी पर्व है। सबसे बड़ा संकल्प है मनुष्य को अपने आप को भीतर से बदलने की संकल्प करना। हर साल का दीप का पर्व हमें नैतिकता को धारण करने और सतत् आगे बढ़ने का अवसर उपलब्ध करवाया है। दीपावली आने से के एक हफ्ते पहले से ही हम अपने घर की सफाई करना, रंगाई पुताई करवाना, और पुराने सामान को बाहर निकाल देते है और घर में रंग बिरंगे झालर, फूलदान, रंगोली से घर को सजाते है। जैसे हम अपने घर की सफाई दिवाली पर करते है वैसे ही हमे अपने अंदर मन में बसे ईर्ष्या, द्वेष, जलन अहंकार को भी निकाल कर उसकी भी सफाई करनी चाहिए। अपने मन के घर की भी हमें सुंदर रखने का प्रयत्न करना चाहिए ताकि उसमें हमेशा अच्छे अच्छे विचार ही प्रवेश कर सके। दीपावली पांच दिवसीय पर्व है। इसकी शुरुआत होती है धनतेरस से। धनतेरस की हम धनवंतरी की पूजा करते है और कामना करते है कि साल भर हम स्वस्थ रहे। धनतेरस आरोग्य के देवता धनवंतरी का दिन है। धनवंतरी भारतीय सनातन संस्कृति में एक वैद्यक परंपरा भी है।धनतेरस के दिन आरोग्य की रक्षा और कामना का दिन होता है। दूसरे दिन को छोटी दीपावली या नरक चतुर्दशी भी कहते है। हिंदू परंपरा में आज के दिन शाम के समय यम देवता के नाम का एक दीपक अपने घर के चौखट पर निकाल कर यम देवता से लंबी उम्र की कामना की जाती है। फिर आता है दीपावली का त्यौहार यह दिन हिन्दुओं में बहुत ही उत्साह और धूम धाम से मनाया जाता है। लोग एक दूसरे को मिठाई उपहार में देते है। घर में दीपक जलाकर घर को रौशन करते है। दीपावली हर साल अमावस्या के दिन ही मनाई जाती है और अंधकार को मिटाकर सब और प्रकाश ही प्रकाश कर दिया जाता है। फिर आती है चौथे दिन गोवर्धन पूजा। यह त्योहार भगवान कृष्ण को समर्पित है. मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र देवता के प्रकोप से वृंदावन के लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था। यह त्योहार प्रकृति की पूजा का महत्व दर्शाता है. गोवर्धन पूजा के दिन भक्त भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत, और गायों की पूजा करते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण को अन्नकूट भोग लगाया जाता है. अन्नकूट में कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं और भगवान कृष्ण को भोग लगाया जाता है। गोवर्धन पूजा के दिन गायों को गुड़ और चावल खिलाने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि गोवर्धन पूजा करने से जीवन में आने वाली सभी समस्याएं दूर होती हैं। गोवर्धन पूजा से धन-धान्य, संतान, और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। गोवर्धन पूजा के दिन भक्त एक-दूसरे से जुड़ते हैं, सामुदायिक भोज करते हैं, और आध्यात्मिकता में डूबते हैं पांचवे दिन मनाया जाता है भइया दूज, यह दिन भाई बहनों के लिए विशेष होता है। बहन कहीं भी हो अपने भाई को मिठाई खिलाने और उनकी मंगल कामना के लिए जरूर आती है। यह त्यौहार भाई बहन के अटूट संबंध को और अधिक मजबूत और मधुर कर देता है। इस प्रकार दीपावली का त्यौहार न सिर्फ खुशियां, बल्कि अपने साथ कई संदेश लेकर आता है। हम अपने घर, आस पास के वातावण को सुंदर बनाते के साथ ही साथ अपने अंदर के वातावरण को भी सुंदर बनाए। अंधकार को दूर करे, प्रकाश फैलाए, अज्ञानता को दूर करे ज्ञान का दीप जलाए। सबको इस दीपावली पर भगवान की कृपा प्राप्त हो और सबके जीवन से अज्ञानता रूपी अंधकार दूर हो और सबका जीवन प्रकाशित हो जाए।

 

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रचनाकार

Author

  • Dr. Rishika Verma

    Dr. Rishika Verma is working as Assistant Professor, Department of Philosophy, School of Humanities and Social Sciences in Hemavati Nandan Bahuguna Garhwal University, Srinagar (Garhwal) Uttarakhand, A Central University. She Completed her higher education, B.A., M.A., Ph.D. and Post-Doctoral Fellowship from Banaras Hindu University, Varanasi. Her 30 Research papers are published in National and international, UGC CARE and UGC listed journals. She presented 34 papers in national and international seminars and conferences. She has wirtten 3 books till now. she got many Awards and Samman like International Educationist Award, Best Young Woman Faculty Award, National YogaRatna Award, Sahitya Gaurav Samman, Hindi Utkrisht Sahitya Seva Samman, Woman Icone Award.

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