जलाए ज्योत अन्तर्मन की

जलाए ज्योत अन्तर्मन की

अक्सर हम जीवन में बाहरी रोशनी और चकाचौंध की ओर आकर्षित होते हैं, लेकिन असली प्रकाश उस अंतर्मन में छिपा होता है, जो हमें सच्चाई, शांति, और संतोष का अनुभव कराता है। यह अंतर्मन की ज्योत एक ऐसा प्रकाश है, जो हमें आत्म-ज्ञान और सही दिशा दिखाने में सहायक होता है। बाहरी उपलब्धियों से आगे बढ़ते हुए, जब हम अंतर्मन की ओर यात्रा करते हैं, तो हम अपनी वास्तविकता से परिचित होते हैं और सच्चे सुख की अनुभूति पाते हैं। अंतर्मन की ज्योत का अर्थ है आत्मा का वह प्रकाश जो जीवन के हर अंधेरे में हमारा मार्गदर्शन करता है। यह एक ऐसा प्रकाश है जो हमारे भीतर की चेतना, हमारे गुणों, और हमारे मूल्यों को जागृत करता है। यह वही प्रकाश है जो हमें आत्म-विश्लेषण करने और जीवन के प्रति गहरी समझ विकसित करने में मदद करता है। यह बाहरी दुनिया के तामझाम और सुख-सुविधाओं से दूर, हमारे अंदर की शांति, धैर्य, और संतुलन का स्रोत है।
हर व्यक्ति के जीवन में कठिनाइयाँ, असफलताएँ, और संघर्ष आते हैं, लेकिन अंतर्मन की ज्योत हमें इन सबका सामना धैर्य और साहस के साथ करने की प्रेरणा देती है। यह हमें निराशा के समय भी सकारात्मक बनाए रखती है और हमें यह विश्वास दिलाती है कि हर अंधेरा, एक नई सुबह का संकेत है। आत्म-ज्योत का महत्व इसलिए भी है कि यह हमें हमारी कमजोरियों के साथ-साथ हमारी शक्तियों से भी रूबरू कराती है। आत्म-ज्योत से जुड़े व्यक्ति के पास आत्म-सम्मान, आत्म-विश्वास, और दूसरों के प्रति करुणा का भंडार होता है। वह बाहरी सफलता या असफलता से विचलित नहीं होता, बल्कि उसे एक गहरी समझ और संतोष प्राप्त होता है। जब हम अपनी अंतरात्मा की आवाज़ को सुनते हैं, तो हमारे निर्णय न केवल हमें बल्कि हमारे समाज को भी लाभ पहुंचाते हैं।
आत्मज्योत को जागृत करना एक साधना का कार्य है, जिसमें समय, प्रयास और लगन की आवश्यकता होती है। ध्यान, योग, और आत्म-मंथन के माध्यम से हम अपने भीतर के प्रकाश को महसूस कर सकते हैं। कुछ प्रमुख उपाय हैं जो हमें इस मार्ग पर सहायक हो सकते हैं: ध्यान आत्म-ज्योत को जागृत करने का सबसे प्रभावी माध्यम है। यह हमें अपनी आंतरिक आवाज़ को सुनने और अपने विचारों को शांत करने में मदद करता है।नियमित रूप से अपने व्यवहार, विचारों, और कार्यों का अवलोकन करना चाहिए। यह हमें अपने दोषों और गुणों को पहचानने में मदद करता है, जिससे हम अपनी कमजोरियों को दूर कर सकते हैं और अपनी अच्छाइयों को बढ़ा सकते हैं। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है। संतुलित आहार, पर्याप्त नींद, और नियमित व्यायाम हमारे शरीर और मन को स्फूर्ति देते हैं, जिससे आत्म-ज्योत का प्रकाश प्रबल होता है। हम दूसरों की भलाई के लिए कार्य करते हैं, तो हमारी आत्मा में सच्चे आनंद का संचार होता है। यह निस्वार्थता और करुणा हमारे अंतर्मन को उज्जवल बनाती है। सोच रखने से मन में शांति और स्थिरता आती है। जब हम नकारात्मक विचारों से खुद को दूर रखते हैं और प्रत्येक परिस्थिति में अच्छाई ढूंढने का प्रयास करते हैं, तो अंतर्मन की ज्योत स्वतः प्रज्वलित होती है। जब हमारे अंतर्मन की ज्योत जल उठती है, तो इसका प्रभाव हमारे जीवन के हर पहलू पर पड़ता है। यह न केवल हमें खुशहाल बनाती है, बल्कि हमारे रिश्तों, कार्यों, और सपनों को भी एक नई दिशा देती है। हम अपने कार्यों में अधिक समर्पित और ईमानदार हो जाते हैं, हमारी सोच में स्पष्टता आती है, और हम दूसरों के प्रति अधिक सहानुभूतिशील और दयालु बनते हैं। अंतर्मन की ज्योत एक ऐसी शक्ति है जो हमें जीवन की सच्चाई को समझने और स्वीकारने का साहस देती है। यह हमें यह भी सिखाती है कि हर इंसान में अच्छाई होती है, और यह अच्छाई दुनिया को एक बेहतर जगह बना सकती है।
अंतर्मन की ज्योत एक अमूल्य प्रकाश है जो हमें बाहरी दुनिया के अंधेरों में भी सच्ची राह दिखा सकता है। यह वही ज्योत है जो हमें भीतर से सशक्त बनाती है और हमारे जीवन को सार्थकता प्रदान करती है। इसे जागृत करने के लिए हमें खुद में झाँकना होगा, अपनी सोच को शुद्ध करना होगा, और अपने कार्यों को परिशुद्धता के साथ करना होगा। अंतर्मन की ज्योत जब एक बार प्रज्वलित हो जाती है, तो जीवन में सच्चा आनंद, शांति, और आत्म-विश्वास प्राप्त होता है। इसलिए, बाहरी चकाचौंध से परे, आइए अपने अंतर्मन की ज्योत को जलाएं, ताकि हमारा जीवन और समाज, दोनों ही वास्तविक प्रकाश से आलोकित हो सकें।

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रचनाकार

Author

  • Dr. Rishika Verma

    Dr. Rishika Verma is working as Assistant Professor, Department of Philosophy, School of Humanities and Social Sciences in Hemavati Nandan Bahuguna Garhwal University, Srinagar (Garhwal) Uttarakhand, A Central University. She Completed her higher education, B.A., M.A., Ph.D. and Post-Doctoral Fellowship from Banaras Hindu University, Varanasi. Her 30 Research papers are published in National and international, UGC CARE and UGC listed journals. She presented 34 papers in national and international seminars and conferences. She has wirtten 3 books till now. she got many Awards and Samman like International Educationist Award, Best Young Woman Faculty Award, National YogaRatna Award, Sahitya Gaurav Samman, Hindi Utkrisht Sahitya Seva Samman, Woman Icone Award.

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