इन्सां मर भी जाये चेहरा रह जाता है ।
अब्बा चल देते हैं बेटा रह जाता है ।
किसने किसको चाहा किसने नफ़रत की थी ।
लोगों के होठों पर किस्सा रह जाता है ।
बच्चे हो जाते हैं माँ के कद से ऊंचे ।
बांहों का वो झूला छोटा रह जाता है ।
सागर तट को चल देते नदिया के धारे ।
साहिल पर इक पत्थर तन्हा रह जाता है ।
ग़म की परछाईं को तो आंसू धो देते ।
मुस्कानों पर काजल फैला रह जाता है ।
बचपन बूढ़ा हो जाता है धीरे धीरे ।
मन के कोने में इक बच्चा रह जाता है ।
कड़वी यादें भी धुँधली हो जातीं लेकिन ।
ज़ख्मों का गुलदस्ता ताज़ा रह जाता है ।
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