चाहते तो तुम भी हो

चाहते तो तुम भी हो
कि आपके बायें बैठने वाली
आपकी ताकत बने
कमजोरी नही
फिर क्यों करते हो दिखावा
सबके सामने
मुझे जलील करने का
मुझे शर्मिंदा करने का
साथ न देने का
हस्ते हो सबके सामने मुझ पर
ताकि मै टूट कर गिर जाऊ
और आपकी छाती ऊंची हो सके
सबके सामने
पर कभी सोचो यार
तुम्हारी छाती ऊंची ही नही
गदगद हो जाएगी
स्वाभिमान से भर उठोगे
उदाहरण बनोगे
लोग सीखेंगे तुमसे
जब पता चलेगा
कि आपकी अर्धांगिनी
आपके थोडे से सहयोग से
आपकी ही नहीं कई लोगो की ताकत बन गई है।

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रचनाकार

Author

  • रोहित यदुवंशी

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