मैने मतलब नहीं रखा जहाँ से।
दिले नादान ये हलचल कहाँ से।
मकान सूना सूना लग रहा है,
कोई रुखसत हुआ रोकर यहाँ से।।
पुराने से उन्हें नफरत हुई है,
फानी असबावों पे गुरूर न कर,
हाथ खाली ही आया है वहाँ से।
किसी के दिल में शेष लग जाए,
लफ्ज़ ऐसे नहीं कहना जुबां से।।
लाख सूरज सितारे चांद रहें,
दीया रुखसत नहीं करना मकां से।
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