देश दुनिया में कभी संक्रमण तो,
कभी आतंक का प्रहार हुआ।
कई आपदाएं सर उठाकर कुचलने को तैयार हुआ।
कभी चक्रवात(साइक्लोन), कभी भूकंप,
कभी भूस्खलन तो कभी कुछ और।
फिर भी लोग अपने अहंकार में,
अपने स्वार्थ को, पूरा करने को विभोर हुआ।
कर रहे अत्याचार, कर रहे व्यभिचार,
हर सिमा से नीचे जाकर, बताते खुद को महान।
वाकई ऐसे इंसान क्या हो सकते हैं महान?
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