कुछ रिश्ते ऐसे देखे हैं
स्वार्थो में पलते देखे हैं
बाध मुखौटा सच्चाई का
पैसों पर बिकते देखे हैं
मन में कुण्ठा द्वेष भरे
ईर्ष्या में जलते देखे हैं
खरे नहीं उतरे बातों पर
हरदम बात बदलते देखे हैं
देखे जाने की संख्या : 68
कुछ रिश्ते ऐसे देखे हैं
स्वार्थो में पलते देखे हैं
बाध मुखौटा सच्चाई का
पैसों पर बिकते देखे हैं
मन में कुण्ठा द्वेष भरे
ईर्ष्या में जलते देखे हैं
खरे नहीं उतरे बातों पर
हरदम बात बदलते देखे हैं
गिरिराज पांडे पुत्र श्री केशव दत्त पांडे एवं स्वर्गीय श्रीमती निर्मला पांडे ग्राम वीर मऊ पोस्ट पाइक नगर जिला प्रतापगढ़ जन्म तिथि 31 मई 1977 योग्यता परास्नातक हिंदी साहित्य एमडीपीजी कॉलेज प्रतापगढ़ प्राथमिक शिक्षा गांव के ही कालूराम इंटर कॉलेज शीतला गंज से ग्रहण की परास्नातक करने के बाद गांव में ही पिता जी की सेवा करते हुए पत्नी अनुपमा पुत्री सौम्या पुत्र सास्वत के साथ सुख पूर्वक जीवन यापन करते हुए व्यवसाय कर रहे हैं Copyright@गिरिराज पांडे/ इनकी रचनाओं की ज्ञानविविधा पर संकलन की अनुमति है | इनकी रचनाओं के अन्यत्र उपयोग से पूर्व इनकी अनुमति आवश्यक है |