कभी हंसते हुए दिल को तो रुलाया ना करो
तोड़ कर दिल को किसी का मुस्कुराया न करो
सारी ये जिंदगी तो हंस के गुजर जाएगी
याद करके भी उन्हे तुम जो भुलाया ना करो
तुझे कोई देख ना ले आसमां के चंदा में
अपने चेहरे से कभी पर्दा हटाया न करो
मयकदे आंख में ना डूब जाए सारा जहां
अपनी आंखों से किसी को भी पिलाया न करो
जो भी कहता हो ये दिल उसको आज कहने दो
दिल से जो बात उठी उसको दबाया न करो
सबके दिल पर तो बिजली सी गिर जाएगी
अपनी पलकों को उठा कर के गिराया न करो
पास रह कर के ही सावन को विखेरो सब में
दूर जाकरके कभी दिल को जलाया न करो
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