एक दिन आयेगा
और हम सब चले जाएंगे।
कहां जायेंगे
पता नही ।
पर उस टाइम कोई
रोने वाला नही होगा।
पर कोने में पड़ी होंगी
कुछ कविताएं।
जो लिखी गई थी
शायद इसी दिन के लिए ।
ताकि जब कुछ न बचे
तब बच जाएं कविताओं के अवशेष।
और जब कोई बोल न पाए
और नाही सुन पाए कुछ ।
तब उस समय में भी
पढ़ी जा सके कविताएं।
और पढ़ कर के उनको
निहारा जा सके एक दूसरे को ।
क्योंकि सब कुछ तो चला जायेगा
कविताओं में लिखा प्रेम अमर है।
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