आया है बसंत
मन में लाया है उमंग ।
चलो खुशी से नाचे हम
देखो नाच रहें है भुजंग ।।
कोयल की आवाज
मन में मिठास भर देती है ।
पंछियों के चहचहाने से
मुस्कान आ जाती है।।
अब न करो तकरार सनम
चलो बाज रहा है मृदंग।
आया है बसंत
मन में लाया है उमंग।।
मंजर आम के देखो
कितना सुहाना लग रहा है।
सुंदरता से स्वर्ग का उतरा
जमाना लग रहा है।।
फिर ये दिन ना आएंगे
चलो ना नाच लो मेरे संग।
आया है बसंत
मन में लाया है उमंग।।
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