अटल बिहारी वाजपेई जी ने,
वो किया जो कोई न कर पाया था ।
परमाणु परीक्षण करवा करके,
भारत परमाणु शक्ति का,
गौरव को तब पाया था ।
राजनीति थी अपनी जगह,
कभी मन में द्वेष न आया था ।।
सबको गले लगाया था,
सब पे अनुराग बरसाया था ।
इतिहास भी क्या याद करेगा,
एक ऐसा नेता भी आया था ।।
वो विशाल ह्रदय के कवि थे,
कविता में बात कह जाते थे ।
कारगिल युद्ध में जवानों के संग
अटल स्वमं हौसला बढ़ाते थे ।।
निर्भीक थे, स्वतंत्र थे,
देश प्रेम में निपुण थे ।
नाम अटल था उनका,
इरादे भी अटल थे,
उनकी लेखनी अजर थी,
वो कवि श्रेष्ठ अमर थे ।।
पाकिस्तान को हराने के,
संकल्प भी अटल थे ।
कारगिल के युद्ध के,
परिणाम भी अटल थे
शत शत बार नमन,
वो एक प्रकाश पुंज थे ।।
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