देखो ‘ मैं नहीं मानता
पत्थरों में बसे भगवान को
सुना है तुम रोज जाती हो
माथा टेकने
मैं तो यही कहूंगा
अगर वहां ईश्वर है
तो तुम्हें कभी उदास न होने दे
और करे तुम्हारी हर ओ तमन्ना पूरी
जो तुम्हें चाहिए
जो तुम किसी से कह नहीं सकते
बिना उसके रह नहीं सकते
तुमको ताकत अर्पित करे
ताकि तुम लड़ सको
वह संग्राम जो तुम्हारे खुद के अंदर
चल रहा है कई सदियों से
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