कोई आबाद करता है कोई बरबाद करता है।
सदा हम भूलते उसको जो इसे आज़ाद करता है।
खडा हूँ एक ऐसी ही बेगानों की मैं महफिल में
करता हूँ नमन उसको जो उनको याद करता है।
सपना हमने देखा था कभी खुशहाल भारत का।
लुटेरों ने जो लूटा है किया कंकाल भारत का।
धडकता है ये दिल मेरा कभी थम जाती हैं साँसें,
रुहें मेरी काँपती हैं देखकर हाल भारत का।
सन्धि करके पाया है सदा सैंधों का मंजर है।
धोखेबाज़ पाकिस्तान निरा अस्थि का पंजर है।
यकीं हम क्यों करें उनका जिनका हाल मालूम है
गले हम क्यों मिले उनसे जिनकी वगलों में खंजर है।
जिसको न गर्व कभी अपने अभिमानों पर है।
जिसको विश्वास सदा अपने अरमानों पर है।
वो भला राहगीरों से क्यूँ दिल लगाएगा,
जिसका आशियाना सदा आसमानों पर है।
बर्फ के आशियानों से क्यूँ , गरम ब्यार बन गयी
फूलों की बनी माला क्यूँ , काँटों का हार बन गयी
अरे हमने तो पगडी उतारी थी, आँसु पोंछने की खातिर,
किसी के दामन का नहीं, पैरों का पोछनार बन गयी।
बचपन में हम सुनते थे कि अब आनी जवानी है।
प्रेम में उछलते शावक की कहानी है।
देखकर राहें जीवन की अब समझ में आया है,
थोडी उनकी थोडी अपनी, थोडी दिल की नादानी है।
आप चाहें तो बातें यूँ ही गुजार सकते हैं।
आप चाहें तो आग पानी में पजार सकते हैं।
आप क्या हैं हम बता सकते हैं तुम्हें,
आप चाहें तो हमारे ज़िन्दगी सँवार सकते हैं।
दुनियां के अंधेरों में मिला जिनसे उजाला है।
मूर्ति है वो मंदिर में, मस्जिद में वो आला है।
झुका कर माथ कहता हूँ उन्हीं को है नमन मेरा,
जिन्होंने थाम हाथ मेरा, तुफानों में सम्भाला है।
तेरा ये रंग सुंदर है, तेरी खुशबू ये प्यारी है।
तेरी कोयल-सी ये बोली, तेरी हर बात निराली है।
जिसने तुझको बनाया है, क्या तारीफ करूँ उसकी,
देखकर खुद को आइने में, तू साँचे में ढाली है।
किसी का ज़ख्म बसाने में , बडा आराम मिलता है।
उसका दु:ख भुलाने में , बडा आराम मिलता है।
वो कहते हैं मिलो ना तुम ,किसी भी और दूजे से,
सभी पर प्यार जताने में, बडा आराम मिलता है।
तेरी तस्वीर जब से हमने, आँखों में उतारी है।
चैन ना दिन को मिलता है ,होती रात में खुमारी है।
हाल वो उनकी मूरत से , हम तुमको बताते हैं,
तोडकर सौ आइनों को, मादकता उतारी है।
खुदा से आपकी खातिर हमने फूल माँगे हैं।
बहारों का सदा मौसम खिलते फूल माँगे हैं।
खुद की खातिर हमने आपसे बस इतना ही माँगा है,
आपकी राह के सारे हमने शूल माँगे हैं।
आपके साथ से मेरा जीवन जिन्दगी होगी।
आपके प्यार से ही तो मेरी जिन्दगी होगी।
तेरा गर साथ हमको मिल जाए मृत्यु श्य्या पर,
पल होगा खास वो तो सफल ये जिन्दगी होगी।
तुम्हारे प्यार की खातिर, ये संसार हाज़िर है।
मेरी साँसों की डोरी का बना ये हार हाज़िर है।
वतन मेरा कभी मुझसे ये कुर्बानी मांगे तो,
प्रिये! तेरा मेरा वो सच्चा प्यार हाज़िर है।
तुम्हारा संग छोडकर के कभी, मैं जी नहीं सकता।
तुम्हारे वियोग का गरल कभी मैं पी नहीं सकता।
तुम्हारा संग छूट जाए कभी चलती राहों में,
दिल में उभरा होगा ज़ख्म उसे मैं कभी सी नहीं सकता।
कष्ट झेले हैं इस दिल ने जीवन की राहों में।
सिसकी बनकर उभरे भाव करूणा की आहों में।
चैन मुझको तो मिल गया हिंदी की इस महफिल में,
समेट लेती है मुझको जब कविता अपनी बाहों में।
मेरे जीवन की हर आशा मेरा अरमान तुम्हीं हो।
मेरे सपनों की हर साँसे मेरा तो प्रान तुम्ही हो।
तुम्हारी कीमतें क्या है जीवन के हर एक पल में,
मेरा अभिमान तुम पर है मेरी तो शान तुम्ही हो ।
बहुत आसान लगता है किसी को अपना कर लेना।
बहुत आसान लगता है किसी का प्यार पा लेना।
मेरे हमराही तुझसे ही तो मैंने अनुभव सीखा है,
आँखों में बसा सच्चा सपना अपना कर लेना।
पाकर के साथ तेरा , नज़रों से मैं घायल हूँ।
झूम उठते है स्वर मुझको पैरों की मैं पायल हूँ।
देखकर के दु:खी किसी को तेर व्याकुल हो जाना,
सहारे की तेरी आदत पे कब से मैं तो कायल हूँ।