बाबा बेलखरनाथ का है मंदिर यहां दिव्य बना
आओ सब भक्त मिल पूजा यहां कर ले
दक्षिण में कुछ दूरी बहती सई नदी है
मंदिर है पौराणिक शिव का पाते सब सिद्धि यहां
अपने मन की हम भी मुराद पूरी कर ले
पाने आशीर्वाद शिव का आते जो भी भक्त गण
मनोवांछित फल से वो अपनी झोली भर ले
पतित पावन भोले से स्नेह करके हम सब
कंचन सी काया अपनी आज यहां कर ले
दूर होता कष्ट मन का हरते हैं रोग सारे
भाव में ही डूब शिव समाहित दिल में कर ले
दूर होगा कस्ट मन का मिट जाए रोग सारे
जीवन को अपने सफल आज कर ले
बजरंगबली दुर्गे मैया का भी मंदिर बना
दिल मे राम जानकी विराजमान करले
सृष्टिकर्ता विश्वकर्मा राधे कृष्ण मंदिर बना
यज्ञशाला जाकर के हवन आज कर ले
बम बम भोले शिव का जयघोष हम करते हुए
मस्तक झुका कर शिव चरणों में रख दे
अपनी शरण में ही रख लो हे भोले बाबा
विनती हमेशा यही हम सब कर ले
गंगाजल पुष्पमाला शिव पे चढ़ा के हम सब
प्रसाद जो भभूति का है मस्तक पे रख ले
कई योनि भटका तो नर तन पाया यहां
अब न भटकना उपाय कुछ कर ले
आने जाने का ना कोई बंधन अब रहे
अपने में शिवजी समाहित मुझे कर ले