जब हम का नशा दिल में छा जाएगा
सारा जीवन अधेरा सा हो जाएगा
चाहे कितनी उसे रोशनी दो भले
दिल में फिर भी उजाला न कर पाएगा
जब उजाला अंधेरों से घिर जाएगा
ये अंधेरा उजालों सा दिख जाएगा
जब अहम प्रेम ढक्कन को ढक लेगा तब
एक कांटा सा दिल में ही चुभ जाएगा
देगा कुछ भी नहीं तुझको तेरा अहम
अपनों को भी पराया बना जाएगा
ए जीवन तो खिलता हुआ फूल है
डूबकर भाव में इसको महकाइए
ये अहम एक तपता हुआ रेत है
देके गर्मी न इसको तू झुलसाइए
मैं ही सब कुछ हूं भ्रम दिल जो पल जाएगा
प्रेम का फूल इसमें ना उग पाएगा
भाव पावन न दिल का हुआ गर तेरा
भाग्य जीवन का तेरे बिखर जाएगा
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