राज शुक्ल गजलराज
‘ज्ञानविविधा’ द्वारा माँ शारदे पूजन और गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित ‘ज्ञानविविधा साहित्यिक सम्मान श्रंखला ’ हेतु प्राप्त रचनाओं की समीक्षा के उपरांत श्री राज शुक्ल गजलराज को आयोजन समिति के निर्णयानुसार गज़ल श्रेणी में उनकी गज़ल ‘निगहबानी हमें करनी है, ख़ुद ही अपने गुलशन की’ के लिए ‘ज्ञानविविधा साहित्यिक सम्मान’ से सम्मानित किया जाता है. ज्ञानविविधा इनकी लेखनी को सम्मानित करते हुए स्वयं को गौरवान्वित महसूस करती है और इनके अक्षय यश और उज्ज्वल भविष्य की कामना करती है. माँ शारदे की कृपा सदैव बनी रहे.अस्तु. इति शुभम.