गज़ल

Category: गज़ल

गज़ल

मेरा हौसला था

गिराने वालों ने कब तरस खाया, ये मेरा हौसला था,सम्हालता रहा ।। हर कदम पर बाधाएं मिली मुझको, फिर मंजिल की तरफ बढ़ता रहा ।।

विस्तार से पढ़ें »
गज़ल

दिल ने तुम्हें पुकारा

दिल ने तुम्हें पुकारा है सरकारे-दो जहां आओ मिरी मदद को ए मुख़्तारे-दो जहां मँझधार में किनारा दिया आपने सदा आये हो बनके आप ही

विस्तार से पढ़ें »
गज़ल

अब तैयारी है

हिज्रे तन्हाई शब गुजारी है। आ भी जाओ के अब तैयारी है। शुक्रिया कहूं तो मैं कैसै कहूं, अभी उनकी बहुत उधारी है। दिल तो

विस्तार से पढ़ें »
गज़ल

गज़ल-बाखब़र होके मगर सोता रहा

बाखब़र होके मगर सोता रहा। तमाम रात सितम होता रहा।। मजाल समंदर की कुछ भी नहीं, माझी ही कश्तियां डुबोता रहा।‌। ये कैसा मर्ज़ है

विस्तार से पढ़ें »
गज़ल

गज़ल-शाख से टूटा है, क्या जाने किधर जायेगा

शाख से टूटा है, क्या जाने किधर जायेगा। हवा चली है तो कुछ जे़रो ज़बर जायेगा।। जिगर के खून से हमने लिखे हैं खत इतने,

विस्तार से पढ़ें »
गज़ल

गज़ल-शबनमी शोले वस्ल-ए- शबाब और क्या क्या

शबनमी शोले वस्ल-ए- शबाब और क्या क्या। लचकती शाख पे ताजा गुलाब और क्या क्या। जमाले रुख पे कातिल अदा नशीली नज़र ज़मीं पे आगया

विस्तार से पढ़ें »
गज़ल

गज़ल-अक्सर मुझे आज़माने की खातिर

अक्सर मुझे आज़माने की खातिर। वो जलता रहा खुद जलाने की खातिर।। मुहब्बत में आये तो इक बात समझी, ये आंखें हैं आंसू बहाने की

विस्तार से पढ़ें »
Total View
error: Content is protected !!