हिंदी

Category: हिंदी

देखा है उन्हें

देखा है उन्हें उदास मैंनेहताश नहींथकते देखा हैटूटते नहीं बाढ़ बहा ले जाती हैख़ून-पसीने से उगायी फसलझुलसा देता है सूखाहरिआयी रबी जबदेखा है उन्हें गंभीर,ग़मगीन

विस्तार से पढ़ें »

महाकवि गो० तुलसी दास की पावन स्मृति को समर्पित एक ग़ज़ल –

क्रान्ति-वेला की ललित ललकार है तुलसी शारदा की बीन की झंकार है तुलसी । शील में देवापगा की लहर की मानिन्द शक्ति में गर्जित जलधि

विस्तार से पढ़ें »

फ़कत बीज नहीं

बटोही जैसे जुगाता है गठरी चिड़िया अंडा जुगाती है जुगाये हमने बीज बोया-लगाया खेतों में कि लहलहायेगी फसल बालियाँ खनकेंगी खिलखिला उठेगा खलिहान फ़कत बीज

विस्तार से पढ़ें »

ज़िन्दगी का अर्थ

बुद्धि के दुर्गम किले में/ कैद भोली भावना है/ कंटकों की कचहरी में /फूल फरियादी बना है ! ज़िन्दगी का अर्थ — केवल अर्थ-संचय, त्याग

विस्तार से पढ़ें »

सेमल के फूल

सेमल के फूल लाल -लाल , कितने लाल ! रंग दिये फागुन ने मौसम के गाल ! झर गया पुरानापन पीत पत्र संग रंग-रूप नया-नया,नयी

विस्तार से पढ़ें »

चाररोजा ज़िन्दगी में क्यों भला तकरार हो?

चाररोजा ज़िन्दगी में क्यों भला तकरार हो?जितने पल हासिल हमें हैं प्यार केवल प्यार हो । सजल हों कादंबिनी-सा ,सरल शिशु-मुस्कान- सावचन में मन हो

विस्तार से पढ़ें »

इसको प्रनमन

पावन धरती यह बिहार की इसको प्रनमन ! वैशाली ने अखिल विश्व को नव गणतंत्र दिया है महावीर ने मानवता को अमृत मंत्र दिया है

विस्तार से पढ़ें »
Total View
error: Content is protected !!