पद्य-रचनाएँ

Category: पद्य-रचनाएँ

कविता

होली का त्यौहार

होली का त्यौहार आया है खुशियों की सौगात अपने संग लाया है, रंगो की उड़ान लाया है, होली का त्यौहार आया है! स्नेह, भाईचारे की

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कविता

सावन के मेघ

आषाढ में लगी थी सावन की आस सावन के आगमन के बाद प्रत्येक बादल में बारिश का मात्र भास गर्मी ने बढ़ा दी ठंडक की

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कविता

गाँव बन गया है ग्लोबल

गाँव में अब नहीं दिखते गाय, भैंस, बैल-गाड़ी सब कालातीत हो गए हैं दिखते हैं झुंड में कुत्ते रात-बेरात भौंकते, रोते हुए गाँव बन गया

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कविता

निगाहें ऐसी डालो

निगाहे ऐसी डालो तुम कि दिल शीतल सा हो जाएभरे दिल प्रेम जीवन में सदा खुशियां बिखर जाएंरहे सब ही सुरक्षित इन निगाहों के ही

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कविता

तुम्हारे लिए

आज दीपक जलाऊंगा तुम्हारे लिएमन को मंदिर बनाऊंगा तुम्हारे लिएतन से मन से औ भावो से दिल में बसोंघर बनाऊंगा दिल को तुम्हारे लिए प्रार्थना

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कविता

प्रेम रंग

हजारों रंग फीके हैं प्रेम रंग सब पे भारी हैहै फीकी इत्र की खुशबू, खुशबू रिश्तो की भारी हैहमारा सारा जीवन ही भले रंगीन हो

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