
मेरी कविताएँ मेरा लेख
मेरी कविताएँ मेरा लेख, जीवन के हर पन्नों को देख, सुख-दुख में अपनों का साथ, कभी तन्हाई से मुलाकात कभी बीती दिनों की यादें, आने
मेरी कविताएँ मेरा लेख, जीवन के हर पन्नों को देख, सुख-दुख में अपनों का साथ, कभी तन्हाई से मुलाकात कभी बीती दिनों की यादें, आने
आषाढ में लगी थी सावन की आस सावन के आगमन के बाद प्रत्येक बादल में बारिश का मात्र भास गर्मी ने बढ़ा दी ठंडक की
गाँव में अब नहीं दिखते गाय, भैंस, बैल-गाड़ी सब कालातीत हो गए हैं दिखते हैं झुंड में कुत्ते रात-बेरात भौंकते, रोते हुए गाँव बन गया
हौसला जब टूटता है तो ,सबसे पहले जो कन्धा देनव -ऊर्जा का संचार करतेवो पिता ही तो है !खुद के बाजूओं को जब कटामहसूस करता,उस
निगाहे ऐसी डालो तुम कि दिल शीतल सा हो जाएभरे दिल प्रेम जीवन में सदा खुशियां बिखर जाएंरहे सब ही सुरक्षित इन निगाहों के ही
सच है क्या है गलत यहां पर राह कौन अपनाना हैदिशा कौन सी चले यहां पर साथी किसे बनाना हैक्या देखें क्या ना देखे वह
आज दीपक जलाऊंगा तुम्हारे लिएमन को मंदिर बनाऊंगा तुम्हारे लिएतन से मन से औ भावो से दिल में बसोंघर बनाऊंगा दिल को तुम्हारे लिए प्रार्थना
हजारों रंग फीके हैं प्रेम रंग सब पे भारी हैहै फीकी इत्र की खुशबू, खुशबू रिश्तो की भारी हैहमारा सारा जीवन ही भले रंगीन हो
कहते कहते न जाने कि किस भाव मेंडूब कर मेरी अखियां बरसने लगीधीरे-धीरे चढ़ी थी नजर में ही वोइक बयक आज दिल से उतरने लगीपहले
कुछ रिश्ते ऐसे देखे हैंस्वार्थो में पलते देखे हैंबाध मुखौटा सच्चाई कापैसों पर बिकते देखे हैं मन में कुण्ठा द्वेष भरेईर्ष्या में जलते देखे हैंखरे