गद्य–रचनाएँ
चिंता की छाँव में (नाटक)
पात्र: प्रथम दृश्य: घर का आँगन (मां चूल्हे के पास बैठी है, सूरज पास में बैठा है।) मां (थकी आवाज़ में): बेटा, प्रिया की शादी
पात्र: प्रथम दृश्य: घर का आँगन (मां चूल्हे के पास बैठी है, सूरज पास में बैठा है।) मां (थकी आवाज़ में): बेटा, प्रिया की शादी
नेपथ्य से स्वर – जो किस्सा सुनते आये बाबा- दादा के मुख से, वही आज हम तुम्हें सुनाते हैं । रंग -गुलाल का उमंग- उल्लास