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समसामयिक हिंदी कविता : विविध परिदृश्य

किसी भी देश या प्रदेश के साहित्य के मूल में जनता की चित्तवृत्ति ही होती है। यह चित्तवृत्ति संस्कार, मूल्य तथा आस्था से युक्त होती

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बिहार अतीत और वर्तमान के आइने में

बिहार के लिए एक कहावत बेहद प्रचलित है- “एक बिहारी सौ पे भारी।” बौद्धिकता यहां के कण-कण में विद्यमान था। लेकिन अफसोस ऋषियों, मुनियों एवं

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रिश्तों की अहमियत

“भूलों नहीं अहमियत रिश्तों की कभी,ये वो नाज़ुक डोर हैं जों जुड़ती नहीं फिर से।” वर्तमान युग में रिश्ते-नातों की अहमियत कम होती जा रही

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शिक्षक समाज का शिल्पकार

शिक्षक से हम शिक्षा प्राप्त करते हैं। शिक्षक वह व्यक्ति है जो हमें जीवन में उपयोग में आने वाली हर चीज़ें सिखाता है। इसमें किताबी

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सबसे बड़ा पुण्य

अठारह पुराण के सार के रूप में महर्षि व्यास ने लिखा है कि..अष्टादशपुराणानां सारं व्यासेन कीर्तितम् ।परोपकार: पुण्याय पापाय परपीडनम् ।।अर्थात दूसरों का उपकार करने

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भारत की आजादी में मऊ जिले की बलिदानी भूमिका

उत्तर प्रदेश भारत वर्ष का जनसंख्या दृष्टि से एक विशाल राज्य है। इसके पूर्वी छोर पर स्थित पांच मण्डल के सत्रह जिले पूर्वांचल के अंतर्गत

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पिता : सदैव आदरणीय

भारतीय सभ्यता, संस्कृति और साहित्य में पिता का स्थान सदैव आदरणीय, अनुकरणीय और पूजनीय रहा है। हमारे जीवन में पिता का स्थान सबसे ऊंचा है।

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१℅ बुद्ध

और अंगुलिमाल उनके पैरों में गिर पड़ा कहानी सुनते सुनते बस यही शब्द मन में गूंजते रहे ऐसा कैसा ब्यक्तित्व रहा होगा उस योगी का

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